1. आपके तर्क विचार से परे हैं. 2. नवीन राह नवीन सोच, यथा-योग्य विचार से परे रहना.... 3. मौन उस अवस्था को कहते हैं, जो वाक्य और विचार से परे है। 4. इसे ही ज्ञानीजन संबोधि का लक्षण कहते हैं, जो विचार से परे निर्विचार में स्थित है। 5. कहते हैं कि दक्षिण की चढ़ाई के समय इसके साथ के प्रबन्ध और कारख़ाने ऐसे थे जो कि विचार से परे थे। 6. सादा जीवन और उच्च विचार से परे होकर धनिक लोग-जिनमें नवधनाढ्य अधिक शामिल हैं-गरीब पर प्रतिकूल प्रयोग उसे अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं। 7. जो कुछ अव्यावहारिक है, समाज से निरपेक्ष, उचित-अनुचित के विचार से परे अगर उनके भगवान के नाम पर होता हैं तो... 8. ध्यान का अर्थ है सदा जाग्रत या साक्षी भाव में रहना अर्थात भूत और भविष्य की कल्पना तथा विचार से परे पूर्णत: वर्तमान में जीना। 9. प्राप्त लाभ के लिए मुआवजा, आप भुगतान केवल यदि आप एक तरीका है कि विशेषताओं और कामकाज के विचार से परे चला जाता में उत्पाद का इस्तेमाल किया है. 10. पहले विचार करना जरूरी है (हालांकि वह विचार से परे हैं विचार का बिषय नहीं हैं) कि राम हैं क् या? राम कोई पुरुष या महापुरुष नहीं हैं।